पुरणपोली घर: साइकिल से करोड़ों की कंपनी तक!
K.R Bhaskar – एक ऐसा नाम जो प्रेरणा देता है, संघर्ष की कहानी सुनाता है, और सपनों को सच करने का हौसला देता है। भास्कर जी ‘पुरणपोली घर‘ के संस्थापक हैं, जो आज एक करोड़ों का कारोबार है।
ऐसे हुई Puranpoli Ghar की शुरुवात
KR Bhaskar भारत के कर्नाटका राज्य के रहने वाले हैं, जो कि आज Puranpoli Ghar कंपनी के मालिक हैं। भास्कर का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, पर बचपन से उन्होंने कुछ बड़ा करने का ठाना हुआ था यही कारण हैं कि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था।
भास्कर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने मात्र 12 साल की उम्र में बेंगलुरु के एक होटल में वेटर के तौर पर काम करना शुरू किया था, जहा पर उन्होंने पूरे 5 साल तक होटल के बर्तन और टेबल साफ किए थे। जिसके बाद उन्होंने 8 साल तक के लिए डांस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया।
ये चीजे करते करते उन्होंने कई सारी छोटी छोटी नौकरियां भी की, पर इन चीजों से उनका पालन पोषण बड़ी मुश्किल से हो रहा था। तब उन्होंने खुद पर विश्वास करते हुए साइकिल पर पुरनपोली बेचने का फैसला बनाया और यही से उनके Puranpoli Ghar कंपनी की शुरुवात हुई।
उनकी कहानी:
भास्कर जी का जन्म कर्नाटक के एक गरीब परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनमें कुछ बड़ा करने का जज्बा था। 12 साल की उम्र में उन्होंने बेंगलुरु के एक होटल में वेटर का काम शुरू कर दिया। 5 साल तक उन्होंने बर्तन साफ किए और टेबल साफ किए।
इसके बाद उन्होंने 8 साल तक डांस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया। लेकिन, उनके मन में कुछ और ही था।
एक नई शुरुआत:
एक दिन भास्कर जी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर पुरणपोली बनाना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने साइकिल पर पुरणपोली बेचना शुरू किया। धीरे-धीरे लोगों को उनकी पुरणपोली पसंद आने लगी।
संघर्ष:
लेकिन, यह सब इतना आसान नहीं था। उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बारिश में भीगना, धूप में जलना, ग्राहकों की नाराजगी, और कई बार तो पुरणपोली भी बेच नहीं पाते थे।
सफलता की कुंजी:
लेकिन, भास्कर जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने कड़ी मेहनत, लगन और विश्वास के साथ काम करते रहे। धीरे-धीरे उनकी पुरणपोली मशहूर होने लगी।
पुरणपोली घर:
सफलता के बाद उन्होंने ‘पुरणपोली घर’ नाम से दुकान खोली। आज, ‘पुरणपोली घर’ के 100 से अधिक आउटलेट हैं और हर महीने करोड़ों रुपये का कारोबार होता है।
प्रेरणा:
भास्कर जी की कहानी हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत, लगन, और विश्वास से कोई भी सपना सच हो सकता है।
उनकी सफलता के कुछ कारण:
उत्पाद की गुणवत्ता: भास्कर जी ने हमेशा अपनी पुरणपोली की गुणवत्ता पर ध्यान दिया।
ग्राहक सेवा: उन्होंने ग्राहकों को हमेशा बेहतर सेवा प्रदान करने का प्रयास किया।
नई चीजों को अपनाना: उन्होंने समय के साथ बदलाव को अपनाया और नई-नई किस्मों की पुरणपोली बनाई।
मार्केटिंग: उन्होंने अपनी पुरणपोली का प्रचार-प्रसार करने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया।
पुरस्कार और सम्मान:
भास्कर जी को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं।
समाज के लिए योगदान:
भास्कर जी ने समाज के लिए भी कई योगदान दिए हैं। उन्होंने कई गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान की है।
निष्कर्ष:
के.आर. भास्कर जी एक प्रेरणादायी व्यक्ति हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी सपना सच हो सकता है।
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